पूछते हैं 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले 2023 के आम बजट पेश होने से पहले कृषि सेक्टर के पी एम मोदी से कुछ महत्वपूर्ण सवाल।

पिछले वर्ष मैंने कृषि सेक्टर से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर इण्डिया टुडे ग्रुप के गुड न्यूज टुडे चैनल पर आम बजट में अपनी खुलकर राय रखी थी, लेकिन क्या 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्री मंडल की माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमण जी पिछले वर्ष के आम बजट से जो 4% प्रतिशत के आसपास दिया था, उससे ज्यादा बजट कृषि सेक्टर को देंगी या नहीं, इसी से साफ हो जाएगा, कोविड काल में देश‌ की अर्थव्यवस्था को संजीवनी देने वाले अन्नदाता किसान के कृषि सेक्टर को क्या तवज्जो दी जाती है। देश का अन्नदाता किसान केन्द्र सरकार के जैविक व प्राकृतिक खेती मिशन व अन्य आधुनिक विकास की सोच के साथ है, लेकिन आर्थिक असमानता के शिकार के अभी भी महत्वपूर्ण निम्न सवाल केन्द्र सरकार के मुखिया माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी से अराजनैतिक रूप से तो बनते ही हैं।
👉 देश के किसानों के लिए केन्द्र में #किसान_आयोग का गठन कब?
देश में सबके आयोग, लेकिन किसान आयोग क्यों नहीं, जिसके अध्यक्ष व सदस्य किसान हों, जिस प्लेटफार्म पर अन्नदाता किसान भी अपने कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण व अन्य मुद्दों पर कृषि सुधार के लिए अपनी राय स्वतंत्रता से रख सके। कांग्रेस द्वारा किसानों के भीषण विरोध के बाद 2004 में स्वामीनाथन आयोग का गठन हुआ, फिर कांग्रेस सरकार में ही 2006 में स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट की सिफारिश संसद में पेश की गई, लेकिन कांग्रेस सरकार किसानों के साथ 2013 तक करती रही , फिर अन्नदाता किसान ने आपके 2014 में स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करने के वायदे पर भरोसा कर आपको पूर्ण बहुमत दिया, लेकिन आप भी 2014 जीतने के बाद ही अन्नदाता किसान से कहे स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करने के वायदे से यह कहकर बच रहे हैं कि इसके अनुसार किसान को उसकी फसल  की लागत मूल्य का डेढ़ गुना ( C2+50%) लाभकारी मूल्य मिलेगा तो बाजार में विकृति आ जायेगी
👉 2022 से अब 2023 हो गया है फिर भी #किसानों_की_आय_दुगुनी_क्यों_नहीं हुई?
आपने माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी 2022 में किसानों की आय दुगुनी करने की बात आपने कही थी, लेकिन कर्ज से आर्थिक असमानता का शिकार देश का अन्नदाता किसान आज अन्नदाता किसान आत्महत्या करने को क्यों मजबूर है व अन्नदाता खेती किसानी छोड़ गांव से शहर की तरफ पलायन क्यों कर रहा है?
👉  #किसान_कर्ज_मुक्त कब होगा?
माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी आपने 2017 के उत्तर प्रदेश में व अन्य जगह भी किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ करने की बात कही थी, लेकिन यह वायदा आज भी अधूरा है, जबकि पिछले 75 वर्षों की किसान विरोधी नीतियों की वजह से अन्नदाता किसान कर्जदार है, वह कर्ज मुक्ति चाहता है और अन्नदाता किसान तब तक कर्ज मुक्त नहीं होगा जब तक किसान को उसका सही लाभकारी मूल्य नहीं मिलेगा।
👉 देश में #आवारा_गौवंश_की_समस्या का समाधान कब? आवारा गौवंश इस समय देश के किसानों की प्रमुख समस्या है, भारतीय संस्कृति में अति विशेष महत्वपूर्ण गौ माता आवारा न भटके, इसके लिए क्या मास्टर प्लान है?
👉 जब आयुष मंत्रालय है तो अलग से #परम्परागत_कृषि_मंत्रालय_क्यों_नहीं?
माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से अपने भाषण में जैविक व प्राकृतिक खेती का जिक्र कर राष्ट्रहित में बड़ा सकारात्मक सन्देश दिया था और पिछले वर्ष आम बजट में गंगा किनारे और्गेनिक खेती गलियारे की बात कही थी वह भी सराहनीय है, लेकिन इसके लिए विशेष महत्वपूर्ण पारम्परिक कृषि मंत्रालय क्यों नहीं?
माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी देश का अन्नदाता किसान 2024 चुनाव से पहले 2023 आम बजट में उपर्युक्त खेती किसानी के मुद्दों पर फोकस जरूरी, नहीं तो यूपीए व एनडीए दोनों सरकारों में अन्नदाता किसान के लिए कोई अन्तर नहीं होगा और किसान आयोग का गठन व आम बजट में कृषि सेक्टर का प्रतिशत नहीं बढ़ाया गया तो अन्नदाता किसान स्वयं को ठगा हुआ महसूस करेगा, क्योंकि गाम राम ही भारत की ताकत है, अगर वह ही नाराज़ हुआ तो यह उस अन्नदाता किसान के साथ अन्याय होगा, जिससे आपने 2014 में 60 महीने मांगें थे और अन्नदाता किसान ने आपको 120 महीने दे दिए हैं।

Regards,

के पी सिंह ठैनुआं
प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता
भारतीय किसान यूनियन भानू
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#आम_बजट_2023 #आम_बजट  
#bku_bhanu #बजट #Farmers #FarmersProtest

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