आओ चलें गांव की ओर

आत्मनिर्भर गांव की कल्पना बिना आत्मनिर्भर गांव के असम्भव है, गांव से ही भारतीय संस्कृति का उदय हुआ है। आज स्मार्ट शहर बनाने की बात की जाती है, तो स्मार्ट गांव की भी हो।  स्मार्ट गांव कैसे हों , इस पर वर्तमान परिस्थितियों व जरूरतों के विश्लेषण की आवश्यकता है।
1- ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं गांव
आज आधुनिकीकरण की दौड़ में ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती समस्याओं ने मानव को‌ ग्रीन बिल्डिंग मौडल पर कार्य करने के लिए मजबूर कर दिया है, जबकि ग्रीन बिल्डिंग तकनीकी गांव की संस्कृति में पहले से ही है, बस हमें गांव के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है। 
2- गांव के स्मार्ट प्रबन्धन की आवश्यकता है
गांव आज भी सरकारी योजनाओं के लचर क्रियान्वयन व सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार के शिकार हैं। सरकार के आवंटित बजट का बड़ा हिस्सा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।  सरकारी योजनाओं का सही लाभ सीधे नागरिकों तक पहुंचाये। पूरे देश को एक स्मार्ट एप से जोड़े केन्द्र सरकार, जिसमें नागरिकों के डाटा के साथ सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का भी पता लगे और फीडबैक ओप्शन भी हो।
3- कृषि सुधार की आवश्यकता है।
सरकार किसानों को अपना उत्पाद अपना बाजार के लिए प्रशिक्षित करे, प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करे व गौ प्रबंधन आधारित खेती के लिए सब्सिडी भी प्रदान करे। कृषि से जुड़े लघु व मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करे सरकार। किसानों को एक बार कर्ज मुक्त कर उनको अपने फसल उत्पाद की कीमत लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का अधिकार मिले व कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीददारी को सुनिश्चित करे सरकार। पशु पालन को प्रोत्साहन करे सरकार।
4- गांव की अर्थव्यवस्था के लिए एम एस एम ई को बढ़ावा।
गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों को मजबूती प्रदान करना अति आवश्यक है, अतः सरकार इनकी स्थापना के लिए सरकारी सहायता व मार्केटिंग प्लेटफॉर्म पर कार्य करे सरकार।
5- गांव में जन सुनवाई के मुद्दों पर सुगम व सही प्लेटफॉर्म की आवश्यकता
मेरा अनुभव है कि गांव में कानूनी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए, माफियाराज को खत्म करने के लिए, भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वह सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र बौडी का गठन करे सरकार जो इनकी समस्याओं का समाधान कर पायें, जिसमें नागरिकों को बिचौलियों व भ्रष्टाचारियों से छुटकारा मिल सके।
6- पलायन रोकने के लिए गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने पर ध्यान दे सरकार। 
गांव के पलायन को रोकने के लिए स्थानीय रोजगार प्रबंधन की आवश्यकता है। रोजगार प्रबंधन के लिए एक स्मार्ट एप की आवश्यकता है, जिससे युवाओं को रोजगार की सही जानकारी मिले व‌ प्रशिक्षण मिल सके।
लेख द्वारा:
के पी सिंह ठैनुआं
राष्ट्रीय अध्यक्ष, आई टी व मीडिया प्रकोष्ठ
भारतीय किसान यूनियन भानू

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