किसान को पक्ष, विपक्ष या अराजनैतिक किसान नेता स्वार्थ का नहीं, समाधान का मुद्दा बनायें।

मैं देख रहा हूं किसान वर्ग जो आर्थिक असमानता का शिकार हो गया आज पूरे कृषि प्रधान देश भारत को उनके साथ खड़े होने की आवश्यकता है। किसानों की बदहाली को देखते हुए पहले भी किसान आन्दोलन हुए लेकिन उन किसान आन्दोलनों में ज्यादातर राजनीतिक स्वार्थ या मंशा का शिकार नहीं हुये थे।  लेकिन वर्तमान में किसान का मुद्दा राजनीतिक मंशा वाले लोगों द्वारा भेंट चढ़ा दिया जाय, यह देश के भविष्य और सुरक्षा को लेकर ठीक नहीं है। आज पीड़ित किसान वर्ग विशाल समुद्र के किनारे पर खड़ा ज्यादातर दिखावटी किसान हितैषियों से बचने की कोशिश कर विवशता पूर्वक देख रहा है कि कोई उसकी समस्याओं का समाधान करे। किसान आज सत्ता, विपक्ष और वर्तमान आन्दोलनकारियों तीनों से मन ही मन सूक्ष्म विश्वास के साथ सवाल कर रहा है कि मेरी समस्याओं का समाधान कब तक होगा? आज मैं बड़े ही भावुकता के साथ इसलिए लिख रहा हूं कि किसान की आवाज कहीं दब न जाय और अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास भी है कि किसान कल्याण अवश्य होगा। पहले बात सरकार की ही कर लेते हैं कि माननीय व यशस्वी प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के लिए अपने भावुक सन्देश में कहा कि कृषि सुधार के लिए लाये गये यह कानून दीपक की ज्योति की तरह पवित्र थे, लेकिन कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाये , इसलिए हम इन कानूनों को वापिस ले रहे हैं, साथ ही किसानों के लिए कमेटी के गठन की बात व देश से भावुकता के साथ माफी की बात कह कर  किसानों के लिए सम्मान व भविष्य में संवाद की ज्योति जलाकर स्वतंत्र भारत के इतिहास में लोकतंत्र के सम्मान के लिए वैश्विक उदाहरण भी बन गये। लेकिन यह किसानों के मुद्दे पर राष्ट्र के नाम सम्बोधन सराहनीय था वह किसानों के लिए सम्मान भी। इसको विश्लेषणात्मक तरीके से सोचें तो लोकतांत्रिक या राजनीतिक मजबूरी कह सकते हैं और अन्य 50 तरह की बातें बुद्धजीवी या राजनीतिक लोग कह सकते हैं, लेकिन मैं इसको मैं किसानों के मुद्दे पर सकारात्मक संवाद की पहल मानता हूं। अब भविष्य में किसानों के मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने के लिए केन्द्र सरकार को किसान आयोग का गठन कर देना चाहिए, जिसमें अध्यक्ष व सदस्य अलग अलग क्षेत्रों के या फसलों के किसान हों, किसान आयोग की ही सिफारिश से सरकार आगामी किसान हित के निर्णय ले।
Written by:
के पी सिंह ठैनुआं
किसान नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी, भारतीय किसान यूनियन भानू
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